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कौन है IAS वंदना चौहान जो हल्द्वानी दंगे पर सख्त एक्शन लेने के बाद आई सुर्खियों में….

IAS Vandana Singh Chauhan DM nainital

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कौन है IAS वंदना चौहान जो हल्द्वानी दंगे पर सख्त एक्शन लेने के बाद आई सुर्खियों में….

IAS Vandana Chauhan biography: पिता से लड़कर आईएएस बनी वंदना, महज 24 वर्ष की उम्र में हासिल किया मुकाम, हल्द्वानी दंगों के बाद पूरे देश में हो रही है चर्चा….

IAS Vandana Chauhan biography
बीते 8 फरवरी को राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र में जो खौफनाक तांडव हुआ था, उसके बाद जहां एक ओर सोशल मीडिया पर बनभूलपुरा और हल्द्वानी ट्रेंड करने लगा वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद नैनीताल जिले की जिलाधिकारी आईएएस वंदना सिंह चौहान देश-भर में सबसे अधिक चर्चाओं में रही। फिर वो चाहे दंगाइयों को गोली मारने के आदेश जारी करने का मामला हों या फिर शहर में कर्फ्यू लगाने का आदेश हों। आलम यह है कि आईएएस अधिकारी वंदना आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी जमकर ट्रेंड कर रही है। हम आपको इन्हीं आईएएस अधिकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं। जी हां… वर्तमान में नैनीताल जिले की कमान संभाल रही आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान नैनीताल की 48 वीं और जिले की पांचवीं महिला जिलाधिकारी हैं। वह 2012 बैच की उत्तराखंड कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। जिनकी पहली पोस्टिंग बतौर मुख्य विकास अधिकारी राज्य के पिथौरागढ़ जिले में हुई। 10 अक्टूबर 2017 को अपना कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने पिथौरागढ़ जिले की पहली महिला सीडीओ बनने का कीर्तिमान भी स्थापित किया।
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IAS Vandana Singh Chauhan
आपको बता दें कि मूल रूप से हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव की रहने वाली वंदना का जन्म 4 अप्रैल 1989 को हुआ था। एक सामान्य गांव से ताल्लुक रखने के कारण अन्य गांवों की तरह ही लड़कियों को पढ़ाने का प्रचलन नहीं था। लेकिन वंदना बचपन से ही भविष्य में कुछ अलग कर गुजरने का सपना देखती थी। बकौल मीडिया रिपोर्ट्स जब उनके पिता महिपाल सिंह चौहान ने बेटी वंदना की पढाई में कोई ध्यान नहीं दिया, तो एक दिन वंदना ने अपने पिता से गुस्से में आकर कह दिया कि मैं लड़की हूं, इसलिए आप मुझे पढ़ने से रोक रहे हैं। बेटी की यह बातें सुनकर पिता महिपाल सिंह का दिल पसीज गया। जिसके बाद उन्होंने वंदना का एडमिशन उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित एक गुरुकुल में करा दिया। हालांकि महिपाल को अपने इस फैसले पर परिवार के अन्य सदस्यों का काफी विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से वंदना ने सभी को खामोश रहने को मजबूर कर दिया।
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IAS Vandana Chauhan uttarakhand
बता दें कि हिंदी मीडियम से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत वंदना ने घर पर रहकर ही सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी। इसके कुछ समय बाद उन्होंने बी.आर अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में एलएलबी के लिए दाखिला लिया और लॉ की पढाई के साथ साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने लगी। यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा था कि महज 24 साल उम्र में वंदना ने देशभर में “आठवीं रैंक” के साथ यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और एक आईएएस अधिकारी बन अपने सपनों को साकार किया ‌। आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने 22 मई 2020 तक पिथौरागढ़ जिले की पहली महिला मुख्य विकास अधिकारी का कार्यभार संभाला। जिसके उपरांत उनका तबादला बतौर जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग जिले में हो गया। कुछ समय तक रूद्रप्रयाग जिले का कार्यभार संभालने के उपरांत उन्हें शासन के कार्मिक विभाग में अटैच कर दिया गया तथा कुछ समय उपरांत 12 नवंबर को 2020 को वंदना सिंह को केएमवीएन कुमाऊँ मंडल विकास निगम का एमडी बनाया गया। तदोपरांत उन्होंने रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (ग्राम्य विकास विभाग) में अपर सचिव का कार्यभार भी संभाला।

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लगातार होते तबादलों के बीच आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान को उत्तराखंड शासन ने वर्ष 2021 में अल्मोड़ा जिले के डीएम की जिम्मेदारी भी सौंपी। जिसके उपरांत उन्हें नैनीताल जिले के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई और 17 मई 2023 से वह इस पद पर तैनात हैं। बता दें कि वंदना सिंह को उत्तराखंड के तेज तरार आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है, इसका अंदाजा बीते दिनों हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हु‌ई हिंसक घटना से आसानी से लगाया जा सकता है जिसकी जानकारी मिलने के महज 15 मिनट के भीतर ही उन्होंने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। अपने इस फैसले से जहां उन्होंने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई वहीं वह हजारों लोगों के निशाने पर भी आ गई। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस घटना के चंद दिनों बाद ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अरेस्ट वंदना सिंह ट्रेंड करने लगा। इस मुहिम को चलाने वाले लोगों ने जिलाधिकारी वंदना पर अपनी जिम्मेदारी सही से ना निभाते हुए एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। जिसके बाद हजारों लोग जिलाधिकारी वंदना के समर्थन में आ गए और देखते ही देखते ए‌क्स पर आई सपोर्ट वंदना सिंह भी ट्रेंड करने लगा। महज चंद घंटों के भीतर ही करीब डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट और रिपोस्ट वंदना सिंह के समर्थन में किए जा चुके थे। यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी वंदना का समर्थन करते हुए एक विडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद भी उनके समर्थन में आने वाले पोस्टों की बाढ़ सी आ गई। विदित हो कि जिलाधिकारी वंदना ने दंगाइयों के पैर में गोली मारने का आदेश जारी करने के तुरंत बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया था। बताते चलें कि इस मामले में अपने सख्त कार्रवाई से पूरे देश में चर्चाओं का हिस्सा बनने वाली आईएएस अधिकारी वंदना सिंह नैनीताल जिले की कमान संभालने के बाद से ही सरकारी संपत्ति पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए लगातार कार्यवाही कर रही है। इसके साथ ही वह नैनीताल के विकास कार्यों को भी तेजी से बढ़ावा दे रही है।

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सुनील खर्कवाल लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और संपादकीय क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं।

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