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उत्तराखंड: कौसानी है भारत का स्वीटजरलैंड, हिमालय व्यू से बना पर्यटकों की पहली पसंद…

KAUSANI BEST TOURIST places of Bageshwar Uttarakhand
फोटो: सोशल मीडिया

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उत्तराखंड: कौसानी है भारत का स्वीटजरलैंड, हिमालय व्यू से बना पर्यटकों की पहली पसंद…

kausani hill station uttarakhand: बागेश्वर जिला मुख्यालय से करीब 42 किमी0 दूरी पर स्थित है कौसानी, ले सकते हैं हिमालय के त्रिशूल पर्वत, नंदा देवी और पंचाचुली जैसी अनेक सुन्दर पहाड़ियों के मनोरम दृश्यों का आनंद..

kausani hill station uttarakhand
देवभूमि उत्तराखंड न केवल अध्यात्म की दृष्टि से बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य से भी देश विदेश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रहती है। पेड़ पौधों से घिरे हुए यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में आप न केवल सुकून के पल बिता सकते हैं बल्कि यहां की हरियाली पूर्ण हसीन वादियों आपके सारे दुःख दर्द भुलाने में भी सक्षम है। वैसे तो उत्तराखंड में एक से बढ़कर एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है परन्तु आज हम आपको राज्य के उस पर्यटक स्थल से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसे, राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने भारत के स्विट्जरलैंड की संज्ञा दी है। जी हां… हम बात कर रहे हैं भारत का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले मशहूर पर्यटन स्थल कौसानी की, जो राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित है। बागेश्वर जिला मुख्यालय से करीब 42 किमी0 दूरी पर स्थित इस पर्यटक स्थल से आप हिमालय के त्रिशूल पर्वत, नंदा देवी और पंचाचुली जैसी अनेक सुन्दर पहाड़ियों के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको ले चलते हैं कौसानी की खूबसूरत वादियों में, जहां के बारे में विस्तार से जानकर आपके कदम यहां आने को खुद ब खुद चल पड़ेंगे।
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यह है कौसानी का इतिहास, पुराणों में भी आता है जिक्र (History of kausani)

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उत्तराखण्ड में वैसे भी देवी देवताओं का वास माना जाता है तो सर्वप्रथम हम कौसानी से जुड़े हुए पौराणिक मान्यताओं से आपको रूबरू कराते हैं। वैदिक काल में कौसानी को ऋषि-मुनियों के ध्यान और तपस्या का स्थान माना जाता था। महाभारत काल में भी यह धार्मिक संस्कृति के विकास का केंद्र था। कहा तो यह भी जाता है कि यही पर महर्षि वेदव्यास ने महाभारत को संग्रहित करने का काम किया था। बात आधुनिक भारत की करें तो इतिहास के पन्नों में इसका उल्लेख 19वीं सदी के बाद के दस्तावेजों में मिलता है। उस समय अंग्रेजों ने जब सम्पूर्ण उत्तराखण्ड पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था तो उन्होंने ही सर्वप्रथम कौसानी को एक व्यापारिक सेंटर के रूप में देखा था। जिसके लिए अंग्रेजों ने इस इलाके में एक गोलाई में बनाने का निर्णय लिया। उस दौरान न केवल यहां का काफी विकास हुआ बल्कि अंग्रेजों द्वारा यहां विकसित किए गए चाय के बागान कुछ ही वर्षों में विश्वभर में अपनी गुणवत्ता और स्वादभरी चाय के लिए प्रसिद्ध हो गए।
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1929 में आए थे राष्ट्रपति महात्मा गांधी, यही शुरू किया था यंग इंडिया का लेखन, कौसानी की सुंदरता से अभिभूत होकर दी थी भारत के स्विट्जरलैंड की संज्ञा (kausani switzerland of india):-

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आपको बता दें देखते ही देखते कौसानी अपनी खूबसूरती के कारण भी देश विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया। उस दौरान यहां न केवल अंग्रेज अपनी छुट्टियां बिताने आने लगे बल्कि वर्ष 1929 के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी यहां कुछ दिन प्रवास किया। इस दौरान महात्मा गांधी ने यहां एक साप्ताहिक समाचार पत्र, यंग इंडिया के लेखन की शुरुआत की। बताते चलें कि कौसानी की खूबसूरती ने महात्मा गांधी को इतना मनमोहित कर दिया कि उन्होंने इस खूबसूरत पर्यटक स्थल को भारत के स्विट्जरलैंड की संज्ञा दे डाली। इसका उल्लेख उन्होंने अपने साप्ताहिक समाचार पत्र यंग इंडिया में भी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि “मैंने अपने जीवन के कुछ सबसे सुखद दिन कौसानी उत्तराखंड में बिताए हैं। यह जगह इतनी शांत और शांतिपूर्ण है, और आसपास के पहाड़ों के दृश्य बस लुभावने हैं। मैं वहां बहुत सारी लिखाई कर पाया, और मुझे पूरे भारत से कुछ सबसे दिलचस्प लोगों से मिलने का भी मौका मिला।”
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प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही पशु-पक्षियों को सकते हैं निहार, अन्य एडवेंचर्स एक्टिविटीज का भी उठा सकते हैं लुत्फ:-

कौसानी कुमाऊं मंडल का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो हरे-भरे पहाड़ों और घाटियों से घिरा हुआ है। यहां का मौसम भी सुहावना रहता है और यहां से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है इसके साथ ही यह आपको शहरी जीवन की नीरसता से दूर ले जाता है। शहर के शोरगुल पूर्ण वातावरण से कोसों दूर यह खूबसूरत पर्यटन स्थल जैव विविधता एवं प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां आप रूद्रधारी फॉल्स और गुफाओं का आनंद ले सकते हैं। ऊंचाई के ट्रेक पर आप हिम तेंदुए, कस्तूरी हिरण और नीली भेड़ जैसे जानवरों को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां आपको कैंपिंग करने का भी मोका मिलेगा। चाहे आपको शांति और सुकून की तलाश हों या फिर आप प्रकृति प्रेमी हों या हो एडवेंचर के शौकीन, कौसानी आपके लिए एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां आपके ये सभी ख्वाहिशें आसानी से पूरी हो सकती है। आप यहां न केवल प्रकृति की सैर कर जंगली जानवरों एवं पक्षियों को निहार सकते हैं बल्कि माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज का भी हिस्सा बन सकते हैं।

सैलानियों के लिए बेस्ट टूरिस्ट पैलेस है कौसानी, उठा सकते हैं देश विदेश में मशहूर यहां की चाय का लुत्फ kausani best tourist places:-

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बात यहां के पर्यटन स्थलों की करें तो यहां आप न केवल 208 एकड़ क्षेत्र में फैले कौसानी टी एस्टेट के प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार करने के साथ ही विदेशों में मशहूर यहां की चाय का लुत्फ उठा सकते हैं बल्कि लक्ष्मी आश्रम और अनाशक्ति आश्रम में अपनी आध्यात्मिक चेतना भी बड़ा सकते हैं। आपको बता दें कि 1964 में बना लक्ष्मी आश्रम जहां आज लड़कियों के लिए एक अनाथालय है। वहीं इसके ठीक बगल में अनाशक्ति आश्रम भी स्थित है जहां महात्मा गांधी ने अपने कौसानी प्रवास के दौरान विश्राम भी किया था। इसके अलावा यहां आप कफनी ग्लेशियर, बैजनाथ मंदिर, पिन्नाथ, पिंडारी और सुंदरधुंगा ग्लेशियर भी जा सकते हैं, जो कौसानी के पास ही स्थित है। यहां महान कवि सुमित्रानंदन पंत का संग्रहालय भी स्थित है।

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सुनील खर्कवाल लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और संपादकीय क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं।

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