Rudreshwar Mahadev Mandir Dehradun: महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास, देहरादून में स्थित है भोलेनाथ का यह प्रसिद्ध मंदिर….
उत्तराखण्ड, प्राचीन काल से ही देवभूमि के रूप में जाना जाता है। न केवल इसका वर्णन पौराणिक एवं धार्मिक ग्रंथों में मिलता है बल्कि यहां पग पग पर स्थित देवालय, ईष्ट देवी-देवताओं के मंदिर भी इस नाम की सार्थकता को सिद्ध करते हैं। वैसे तो राज्य में लाखों छोटे बड़े मंदिर स्थित है परन्तु आज हम आपको भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा है जहां कुरू वंश के गुरू द्रोणाचार्य ने शिवलिंग स्थापित किया था। जी हां… हम बात कर रहे हैं राजधानी देहरादून के नालापानी में स्थित ऐतिहासिक रुद्रेश्वर महादेव मंदिर की, जिसका इतिहास न केवल महाभारत काल से जुड़ा हुआ है बल्कि गुरु द्रोणाचार्य के नाम पर ही इसे रुद्रेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि यह मंदिर लाखों लोगों की अथाह आस्था का केंद्र है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा करने पर भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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बात पौराणिक मान्यताओं की करें तो इस मंदिर के बारे में पुराणों में कहा गया है कि इसी के निकट द्वापर युग में गुरू द्रोणाचार्य का आश्रम था। यही पर उन्होंने कौरवों एवं पांडवों को शिक्षा दी थी। उन्होंने ही यहां शिवलिंग भी स्थापित किए थे। आपको बता दें कि देहरादून के रायपुर रोड पर नालापानी तपोवन में स्थित इस मंदिर में द्वादश शिवलिंग है। जिसकी पूजा अर्चना करने के लिए दूर दराज से श्रृद्धालु यहां आकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। खासतौर पर सावन मास और महाशिवरात्रि पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर के महंत आशीष गिरी के मुताबिक शांत वातावरण में स्थित इस शिव मन्दिर के प्रांगण में रूद्राक्ष के चार पेड़ है। वे कहते हैं कि प्राचीन समय में इस मंदिर में एकादश शिवलिंग थे, जिनके बीचोंबीच रूद्राक्ष का एक पेड़ स्थित था। काफी पुराना पेड़ होने के कारण कुछ वर्षों पहले यह पेड़ सूखकर गिर गया, जिसके स्थान पर वर्तमान में एक शिवलिंग स्थापित किया गया है। इस तरह अब मंदिर में द्वादश शिवलिंग स्थापित है। बताते चलें कि रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव के मंदिर के साथ ही अन्य 14 मंदिर स्थापित हैं।
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