Airadiyo Mandir someshwar almora: अल्मोड़ा जिले में प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सौम्य वादियों की ऊंची चोटियों पर स्थित है ऐड़ाद्यो मंदिर, अपने चमत्कारी शक्तियों के लिए है प्रसिद्ध…
Airadiyo Mandir someshwar almora
उत्तराखण्ड की यह पावन धरा हमेशा से ही ऋषि मुनियों एवं श्रृद्धालुओं के साथ ही देवी देवताओं की भी पसंदीदा भूमि रही है। प्राचीन काल में जहां इस भूमि पर अनेक ऋषि-मुनियों और तपस्वियों के आश्रम थे वहीं आज भी यहां देवी देवताओं के अनेकों मंदिर स्थित है। जिनका पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व होने के साथ ही यह स्थानीय लोगों की अगाध आस्था का भी केंद्र है। आज हम आपको राज्य के एक ऐसे ही चमत्कारी शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में यह कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना करने वाले महाराज अपनी चमत्कारिक शक्तियों से यहां तेल की जगह पानी में पूरियां तलते थे। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर और भीटारकोट के बीच स्थित ऐड़ाद्यो मंदिर की, जिसे दक्षिणी कैलाश के नाम से भी जाना जाता है।
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Airadiyo Mandir almora uttarakhand
आपको बता दें कि ऐड़ाद्यो मंदिर ऊंची चोटी पर बांज और बुरांश के जंगलों के बीच स्थित है। ऊंची चोटी पर होने के कारण इस मंदिर के दोनों ओर गहरी खाईयां है, जिस कारण यह मंदिर हवा में झूलता नजर आता है। बताते चलें कि इस मंदिर की स्थापना करीब 80 साल पहले महादेव गिरी महाराज ने की थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक उस दौरान महाराज यहां आने वाले भक्तों के लिए तेल की जगह पानी में पूरियां तलते थे। शिव मंदिर होने के कारण यहां सावन में प्रतिवर्ष भागवत कथा का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त सम्मिलित होते हैं। यहां पहुंचने के लिए श्रृद्धालुओं को अल्मोड़ा जिले में स्थित सोमेश्वर पहुंचने के उपरांत भीटारकोट से दो किमी और दौलाघट से 15 किमी की खड़ी चढ़ाई पार करने की कठिन परीक्षा देनी होती है। हालांकि इस दौरान बड़े बड़े पेड़ों से आच्छादित घने जंगल उन्हें काफी सुकून देते हैं। इसके साथ ही मंदिर पर पहुंचकर यहां से हिमालय के दीदार से श्रृद्धालुओं की रही सही थकान भी दूर हो जाती है।
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