Lieutenant Rakhi chauhan Rudraprayag: रुद्रप्रयाग जिले की राखी चौहान को आर्थिक तंगी के बावजूद भी उनके पिता ने करवाया नर्सिंग का कोर्स, आज सेना में लेफ्टिनेंट बन राखी ने बढ़ाया परिजनों का मान
Lieutenant Rakhi chauhan Rudraprayag: उत्तराखंड की बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मेहनत, लगन व प्रतिभा के दम पर सफलता के नए-नए आयामों को छू रही हैं और साथ ही अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य का नाम भी रोशन कर रही हैं। इतना ही नहीं यहां की बहुत सारी बेटियां भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत है जो देश की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान तो दे ही रही है बल्कि इसके साथ- साथ समाज मे बदलाव लाकर अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनती जा रही है। हम आए दिन आपको ऐसी ही होनहार बेटियों से रूबरू करवाते रहते हैं जो किसी विशिष्ट क्षेत्र में अपनी मेहनत के जरिए पहचान बना रही है। आज हम आपको रुद्रप्रयाग जिले के बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली राखी चौहान से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने आर्थिक तंगी की बाधाओं को पार करते हुए भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का उच्च पद हासिल किया है।
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बता दें रुद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी के गुप्तकाशी के देवर गांव की निवासी राखी चौहान का भारतीय सेना के मेडिकल विंग मे लेफ्टिनेंट के पद पर शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत चयन हुआ है। दरअसल राखी चौहान ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी से पूर्ण की तत्पश्चात राखी ने अपनी उच्च शिक्षा मानव भारती कॉलेज देहरादून से प्राप्त की है। बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली राखी ने शुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करी और कुछ बड़ा करने का जज्बा लिए वो कई घंटों तक पढ़ाई किया करती थी जिसकी बदौलत आज उन्हें भारतीय सेना के ऑल इंडिया मेडिकल विंग में 52 वीं रैंक हासिल हुई है और अब वह लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुई है।
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Rakhi chauhan army Lieutenant बताते चलें कि राखी के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय में है तथा राखी के दोनों भाई प्राइवेट व्यवसाय कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। आर्थिक तंगी को झेलते हुए भी राखी के पिता ने उन्हें नर्सिंग का कोर्स करवाया तो वहीं राखी ने भी मन में ठान लिया था कि उन्हें सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी है। राखी का जज्बा और उनके परिवार का समर्थन दोनों रंग लाया है। जैसे ही दिलीप सिंह चौहान को अपनी बेटी राखी के लेफ्टिनेंट के उच्च पद पर पहुंचने की खबर मिली तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठी। उन्होंने बताया कि राखी बचपन से ही शांत और मधुर स्वभाव की बालिक रही है। राखी की इस विशेष उपलब्धि के बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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