Valley of Flowers Uttarakhand opening date 2025: चारधाम यात्रा के साथ अब फूलों से खिल उठी घाटियाँ, एक जून से खुलेगी ‘फूलों की घाटी’, घर बैठे कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन
Valley of Flowers Uttarakhand opening date 2025: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के साथ ही देवभूमि की वादियों में फिर से रौनक लौट आई है। हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालु न केवल धार्मिक यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं, बल्कि राज्य के ट्रैकिंग रूट और प्राकृतिक धरोहरों की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। इन्हीं में एक है विश्वविख्यात “फूलों की घाटी”, जो इस साल 1 जून से पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है।
अब पंजीकरण ऑनलाइन भी
अब तक पर्यटकों को फूलों की घाटी घूमने के लिए चमोली जिले के घांघरिया में पहुंचकर फॉर्म भरना पड़ता था। लेकिन इस बार उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू कर दी है। अब आप घर बैठे ही इस लिंक पर जाकर [https://valleyofflower.uk.gov.in] अपना पंजीकरण कर सकते हैं। यही नहीं, वेबसाइट पर मौसम, ट्रैक की स्थिति और जरूरी सूचनाएं भी नियमित अपडेट की जा रही हैं।
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भारतीयों के लिए शुल्क ₹200, विदेशी सैलानियों के लिए ₹800 Valley of Flowers tracking route fees fee 2025:
उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने रजिस्ट्रेशन शुल्क तय कर दिया है। भारतीय पर्यटकों के लिए यह ₹200 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹800 रखा गया है। साथ ही घांघरिया में पर्यटकों के रुकने और मूलभूत सुविधाओं के लिए पर्यटन विभाग की ओर से समुचित व्यवस्था की गई है।
घाटी में बहार लाने के लिए टीम रवाना Valley of Flowers chamoli opening date 2025:
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ तरुण के मुताबिक, विभाग की एक टीम घाटी के अंतिम छोर तक जाकर जरूरी व्यवस्थाओं का जायज़ा ले रही है। टूटी हुई पगडंडियों और रास्तों की मरम्मत की तैयारी की जा रही है ताकि एक जून से पहले घाटी पूरी तरह तैयार हो।
फूलों से महकती घाटी, जुलाई-अगस्त है सबसे अच्छा समय
फूलों की घाटी का सबसे सुंदर रूप जुलाई और अगस्त में दिखाई देता है। इस समय घाटी में तरह-तरह के फूलों और दुर्लभ वनस्पतियों की रंग-बिरंगी चादर बिछी होती है। यहां की वादियाँ अपने आप में एक जादुई अनुभव का अहसास कराती हैं।
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1931 में हुई थी घाटी की खोज Online registration Valley of Flowers 2025
फूलों की घाटी की खोज 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और आरएल होल्ड्सवर्थ ने की थी। उन्होंने इसकी सुंदरता से प्रभावित होकर इस पर किताब भी लिखी, जिससे यह घाटी विश्व भर में प्रसिद्ध हो गई। 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया।
तो इस बार सिर्फ तीर्थ नहीं, प्रकृति से भी करें मुलाकात!
यदि आप इस बार चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो फूलों की घाटी को अपने ट्रैवल प्लान में ज़रूर शामिल करें। अब न लंबी कतारें, न ऑफलाइन झंझट—सिर्फ एक क्लिक और आपकी यात्रा हो जाएगी तय।
[रजिस्ट्रेशन के लिए यहां क्लिक करें](https://valleyofflower.uk.gov.in)
प्रकृति की गोद में, फूलों की घाटी में आपका स्वागत है!
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