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फुलदेइ पर्व की शुभकामनाएं | Happy Phool dei festival 2024 |

Happy phool dei festival wishes 2024

UTTARAKHAND FESTIVALS

उत्तराखंड

फुलदेइ पर्व की शुभकामनाएं | Happy Phool dei festival 2024 |

Happy Phool dei festival 2024: 14 मार्च 2024 को मनाया जाएगा फुलदेई पर्व, चैत्र मास की हो रही है शुरुआत…

Happy Phool dei festival 2024: हिंदू पंचांग के हिसाब से बुधवार 13 मार्च को फाल्गुन मास का अंतिम दिन है। महीने के इस आखिरी दिन को मासांत के नाम से जाना जाता है। कल 14 मार्च से चैत्र मास शुरू हो जाएगा। यानी गुरुवार को चैत्र संक्रांति (चैत्र मास का पहला दिन) है। चैत्र मास हिंदू कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है। इस बार 14 मार्च से शुरू होने वाला चैत्र मास हमेशा से ही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए काफी खास होता है। सदियों से ही जहां उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में चैत्र संक्रांति को फुलदेई या फूल संक्रांति के रूप में मनाया जाता है वहीं भिटोली का महीना होने के कारण विवाहित बेटियों को इस मास का वर्ष भर इंतजार रहता है। आज हम आपको फूलदेई से जुड़े कुछ तथ्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं।
Happy phool dei festival wishes 2024
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Phool dei festival wishes: पहाड़ों में मनाए जाने वाले इस लोक पर्व को कुमाऊं में “फूलदेही या फूलदेई” (Phuldei Festival) जबकि गढ़वाल में “फुल संक्रांति”‌ के नाम से जाना जाता है। इस दिन इस दिन छोटी-छोटी बच्चियां घरों की देहली का पूजन फूलों और अक्षतों से कर घर के लोगों की सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं करती है। घर की देहली का पूजन करने वाली इन छोटी-छोटी कन्याओं को फुलारी कहा जाता हैं। बसंत ऋतु के स्वागत में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का भी प्रतीक है। इस दिन सुबह सवेरे छोटी-छोटी कन्याएं अपनी टोकरी में रंग बिरंगे खूबसूरत पुष्प एवं अक्षत रखकर गांव के घर-घर में जाती है और घर की देहली का पूजन करती है। वह पूजन करते हुए फूल देई…..छम्मा देई, देणी द्वार….भर भकार… और यो देली सो बारम्बार, फूलदेई छम्मा देई, जातुके देला उतुके सई भी गुनगुनाती है जिसका अर्थ है देहली फूलों से भरपूर और मंगलकारी हो। सबके घरों में अन्न का पूर्ण भंडार हो। बदलते वक्त के साथ भले ही इसे मनाने का तरीका और उत्साह कम हो गया हों परंतु प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने वाले इस लोक पर्व का महत्व कभी कम नहीं हो सकता, जो यह सिखाने के लिए काफी है कि प्रकृति के बिना हम कुछ भी नहीं है।
Happy phool dei festival wishes 2024

यह भी पढ़ें- बच्चों और प्रकृति से जुड़ा उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई का विशेष महत्व PHULDEI FESTIVAL

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सुनील खर्कवाल लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और संपादकीय क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं।

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